केपीपीएन संवाददाता उमर फारूक कुशीनगर
सेवा संस्थान एवं भारतीय किसान संघ के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को नगरपालिका परिषद हाटा के चकनारायनपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में कृषि जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत "जैविक खेती एवं पर्यावरण" विषयक गोष्ठी का आयोजन हुआ एवं कृषकों को जैविक खेती के तौर तरीके एवं इससे होने वाले सामाजिक व पर्यावरणीय महत्व के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नयी दिशा सचिव डॉ0 हरिओम मिश्र ने कहा कि कृषक समाज की बुनियाद हैं क्योंकि अनाज का उत्पादन कर जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। बढ़ती जनसंख्या के कारण अनाजों के अधिकाधिक उत्पादन के दबाव ने कृषकों को रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग हेतु विवश किया जिसके दुष्परिणाम स्वरूप धरती की उर्वरा शक्ति धीरे धीरे कमजोर हो रही तो अनाजों की गुणवत्ता में भी कमी आ रही और इसका प्रभाव आम जन के स्वास्थ्य पर पड़ रहा। परन्तु रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभाव के कारण अब आवश्यक है कि जैविक कृषि को अपनाते हुए पर्यावरण संरक्षण व स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक बना जाय।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष महेंद्र मणि ने कहा कि जैविक कृषि खेती को जहर मुक्त करने का प्रयास है। गाय के गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद और कीटनाशक तैयार करने के तरीकों को विस्तार से समझाते हुए खेती में केचुओं की महत्ता पर प्रकाश डाला। आपने महानगरों में जैविक उत्पादों की मांग को बताते हुए कहा कि जैविक कृषि से आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष आनंद तिवारी ने कहा कि प्रकृति हमें पुरातन व्यवस्था की ओर लौटने हेतु सचेत कर रही है। आपने देशी गाय के पालन व मेड़ों पर पौधे लगाने हेतु कृषकों को जागरूक किया और सरकार द्वारा जैविक कृषि को दिए जा रहे प्रोत्साहन पर भी अपनी बात रखी।कार्यक्रम का संचालन भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री नरेंद्र देव, आगंतुकों का स्वागत नयी दिशा उपाध्यक्ष इन्द्र कुमार मिश्र व आभार वशिष्ठ सिंह ने किया। इस अवसर पर नरेश गुप्ता, भभूति प्रसाद, जय प्रकाश सिंह, उदयभान प्रसाद, जोगेंद्र प्रसाद, मनीष प्रसाद, शमशेर, राम नारायण तिवारी, सरिता देवी, सती देवी, चंद्रावती देवी, रीता देवी, सलहन्ती देवी, ज्ञान्ती देवी इत्यादि उपस्थित रहे।
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