केपीपीएन संवाददाता संभल । बबैना स्थित वृद्धाश्रम में विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले आयोजित होली काव्योत्सव में दूरदराज से आए साहित्यकारों ने वृद्धजनों के चेहरों पर मुस्कान लाने हेतु ,सुंदर काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन करके चंद्रपाल वार्ष्णेय, सुखपाल सिंह गौर, एवं अमित वार्ष्णेय ने किया।
काव्योत्सव के शुरूआत में कवियित्री दीक्षा सिंह ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। तत्पश्चात बदायूं से आए गीतकार ने पढ़ा-
"भेज दिया माँ को वृद्धाश्रम बोझ समझ इक बेटे ने,
फिर भी बेटा माँ का राजदुलारा है,हैरानी है।"
चन्दौसी से आए ओजकवि सुखपाल सिंह गौर ने कहा-
"मां भारती के भारत में, फागुनी का पर्व है।
इसे शांति सौहार्द से मनाइए।"
बहजोई के सशक्त हस्ताक्षर दीपक गोस्वामी चिराग ने कहा-
"होली के ये रंग देखिए।
रह जाएंगे दंग देखिए। गली-गली में ध्वजा निकलती,
जूता पगड़ी खूब उछलती।
हँसी ठिठोली धूम धड़ाका,बजते ढोल मृदंग देखिए।।"
युवा कलमकार अतुल कुमार शर्मा ने कहा-
"वृद्ध जब अनाथालय में सिसकने लगे,
सत्य जब न्यायालय में तड़फने लगे,
तब हमारी गीता आंसू छलकाएगी,
कलिकाल की मूरत जोरों से खिलखिलाएगी।।"
पवांसा के ज्ञानप्रकाश उपाध्याय ने पढ़ा-
"वीर हुए बलिदान देश पर,कैसे खेलें होली।
सारे रंग बदरंग दीखते,
आंखें होती गीली"
कार्यक्रम संयोजक विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अमित वार्ष्णेय ने कहा कि हमें अपने बुजुर्गों का हर समय आशीर्वाद लेते रहना चाहिए ताकि हमारा जीवन अच्छा और संस्कारी बना रहे, क्योंकि यही संस्कार हमारी आने वाली पीढ़ियों में जाते हैं, जिससे पूरा समाज संस्कारित होता है। हमें चाहिए कि हम अपने बुजुर्गों के चेहरे पर परेशानी को दूर करें और खुशियां लाने का काम करें।
सौरभ सिंह, सौम्या श्रीवास्तव, सुभाष चन्द्र शर्मा, आदेश कुमार राय आदि साहित्यकारों ने भी काव्यपाठ किया।
इस अवसर पर फूलों और गुलाल से होली खेलने के साथ साथ डीजे की धुन पर नृत्य भी किया, और एक दूसरे को गुजिया खिलाईं।
कार्यक्रम में दयानंद वार्ष्णेय ,विष्णु कुमार, दीपक कुमार, गणेश शर्मा, विवेक कुमार, सुमित सर्राफ, जितेंद्र कुमार ,जयप्रकाश गुप्ता, सुशील कुमार,रामपाल शर्मा निशा भारती, नीता कुशवाहा, मूलचंद वार्ष्णेय ,वैभव गुप्ता, हर्षित,अनिल वार्ष्णेय,वरूण हरिओम तोमर अनुज राहुल अजय शर्मा , छत्रपाल विभाग कार्यबाह राजेश सिंघल मुख्य रूप से आदि लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध उद्योगपति चन्द्रपाल वार्ष्णेय ने और संचालन अतुल कुमार शर्मा ने किया।
Comments