किसानों की सुने सरकार वर्ना सहयोगी पार्टी बने रहना मुश्किल, 1 MLA ने भी कृषि समर्थन मे दिया इस्तीफा
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनिवाल ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर 2 ट्वीट किए हैं. उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा है कि अगर किसानों को लेकर कोई सकारात्मक फैसला केंद्र सरकार नहीं करती है तो उनकी पार्टी को एनडीए का घटक दल बने रहने पर विचार करना पड़ेगा. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा- एनडीए का घटक दल है परन्तु आरएलपी की ताकत किसान व जवान है. इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित में एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा.
इसके तत्काल बाद किए गए अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को टैग किया. उन्होंने लिखा कि किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए नए कृषि कानूनों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. स्वामीनाथन आयोग की पूरी सिफारिशों को लागू करें और किसानों से बातचीत के लिए उनकी इच्छा के मुताबिक उचित जगह दी जाए. इस बारे में उन्होंने ट्वीट किया- श्री @AmitShah जी, देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित लाये गए 3 बिलों को तत्काल वापस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए.
हरियाणा के दादरी से विधायक और राज्य पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन सोमबीर सांगवान ने पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. सांगवान खाप के प्रधान रहते हुए उन्होंने कृषि अध्यादेशों को लेकर किसानों के आंदोलन में 1 दिसंबर को खाप के हजारों लोगों के साथ दिल्ली कूच करने का ऐलान किया. हालांकि सांगवान ने कहा कि उनका सरकार को समर्थन जारी रहेगा.
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