सरकार ने कंपनियों से ग्राहकों के बीच लेन-देन से जुड़े बिलों के मामले में क्यूआर कोड प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर जुर्माना लगाये जाने से छूट प्रदान की है. यह छूट 31 मार्च, 2021 तक के लिये सृजित बिलों को लेकर दी गयी है. हलांकि, कंपनियों के लिये जुर्माने से छूट लेने के लिए एक अप्रैल, 2021 से क्यूआर कोड प्रावधानों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.
B2C बिलों पर क्यूआर कोड प्रकाशित करने की व्यवस्था 1 दिसंबर से लागू की गयी है. क्विक रिस्पांस कोड से उपयोगकर्ताओं को डिजिटल तरीके से हस्ताक्षर किये गये ई-बिलों में ब्योरे को सत्यापित करने में मदद मिलती है.
माल एवं सेवा कर के तहत जिन कंपनियों का कारोबार 500 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें एक अक्टूबर से कंपनियों के बीच लेन-देन को लेकर ई-बिल सृजित करने हैं. हालांकि, कंपनियों से ग्राहकों के बीच यानी बी टू सी मामले में इसे अबतक अनिवार्य नहीं किया गया है.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 29 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा कि कंपनियों से ग्राहकों के बीच लेन-देन को लेकर क्यूआर कोड प्राधानों के अनुपालन नहीं करने को लेकर जुर्माने से छूट दी गयी है. यह छूट एक दिसंबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक के लिये है. यह छूट इस शर्त पर निर्भर है कि उक्त व्यक्ति एक अप्रैल, 2021 से इस प्रावधान का अनुपालन करेगा.
Comments