ड्रा शेखर ची मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर एवं सचिव, डी.एस.आई.आर ने सीमैप के वैज्ञानिकों से मानव के लिए कल्याणकारी शोधों पर ज़ोर देने को कहा
ड्रा शेखर ची मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर एवं सचिव, डीएसआईआर ने आज सीमैप अनुसंधान संस्थानका दौरा किया| इस दौरान उन्होने संस्थान के शोध प्रक्षेत्र एवं सीमैप में चल राई अनुसंधानिक गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली| इसके साथ साथ उन्होने सीमैप के शोधार्थीयों द्वारा किए जेया रहे शोध कार्यों का भी अवलोकन करते हुए उनका मार्ग दर्शन किया | सीमैप द्वारा विकसित औंस उत्पादों की जानकारी तथा नये उधयमियों के लिए उपलब्ध इंक्युबेशन फेसिलिटी का भी दौरा किया । उन्होने सीमैप के लाभार्थी किसानो से औंस खेती से होने वाले लाभ की जानकारी प्राप्त की तथा सीमैप द्वारा विकसित सचल आसवन् इकाई को किसान को सौंपा जो की किसान द्वारा सुगंधित फसलों का आसवान समय से कर सके ।
उन्होने सीएसआई आर की विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा कॉविड महामारी की लड़ाई में किए जा रहे कार्यों की सराहना की | इस दौरान उन्होने सीमैप में वैज्ञानिकों से आम आदमी के स्वास्थ्य एवं आजीविका से संबंधित अनुसंधान कार्यों पर ज़ोर देने के लिए प्रोत्साहित किया । उन्होने कहा कि भारतीय औषधिया ज्ञान को अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्वीकार्यता प्रदान करने के लिए उसको वैज्ञानिक प्रमाणीकरण करने की आवस्यकता है जो सीमैप बखूबी से कर सकता है | उन्होंने जोर दिया कि वैज्ञानिकों को मौलिक अनुसंधान करने करने की ज़रूरत है, जो समाज और देश के लिए 20 साल बाद प्रासंगिक होंगे । संस्थान में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 कार्यक्रम भी आयोजित किया गया ।
सीमैप के निदेशक ड्रा. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने ड्रा. शेखर मांडे का स्वागत किया और महानिदेशक को संस्थान में चल रही गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया | उन्होंने देश की मिंट क्रांति में सीमैप के योगदान और सीएसआईआर एरोमा मिशन का विशेष रूप से उल्लेख किया। इस दौरान रिलैक्सोमैप का टेक्नोलॉजी को मेसर्स हेप्पी के हैदराबाद ट्रांसफर की गयी ।
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