प्राथमिक विद्यालय में 1995 से न छत है और न दीवार न अध्यापक हैं
तैनात शिक्षकों द्दारा खुलेआम धकेला जा रहा है बच्चों के भविष्य को अंधेरे मे
विद्यालय में कमरे की जगह एक दो फूस के छप्पर में ही बच्चों को दी जाती है प्रावेट शिक्षकों द्दारा शिक्षा
मुनीर अहमद अंसारी
वाजिदपुर(अयोध्या)शिक्षा क्षेत्र रुदौली का प्राथमिक विद्यालय कैथी माॅझा इस समय आठवां अजूबा बनकर रह गया है।जहां सन् 1995 से अब तक न तो छत है न दीवार न अध्यापक।यहां बच्चों के भविष्य को अंधेरे में खुलेआम धकेला जा रहा है।
27 वर्ष हो गया विद्यालय को संचालित होते हुए पर अभी तक एक भी कमरे का निर्माण नहीं हो सका है।सिर्फ एक दो फूस के छप्पर बने हैं उस पर भी ग्रामीणों ने क़ब्ज़ा कर रखा है।बच्चे भीषण गर्मी व कडाके की धूप मे खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर हैं।बिद्यालय मे लगा हैण्डपम्प करीब 22 वर्ष से खराब पडा है बच्चे आस पास के घरों से माॅग पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं।
स्थानीय लोगो ने कैमरे की नजरों से बचते हुए आरोप लगाते हुए बताया कि यहाॅ कभी कोई अध्यापक/अध्यापिका नहीं आते हैं।इस प्राथमिक विद्यालय के नियुक्त अध्यापकों को विद्यालय न जाना पड़े इसके लिए अध्यापकों ने बच्चों को पढाने के लिए दो स्थानीय युवकों को 6000/ रुपये सैलरी पर नियुक्त कर रखा है।सरकार के शिक्षा विभाग के अभिलेख मे प्रधानाचार्या बीरबाला सिंह,सहायक अध्यापिका आशा देवी वर्मा,शिक्षा मित्र आशीष सिंह नियुक्त हैं।विद्यालय मे जो सरकार के आदेशों की धज्जियां बे खौफ हो कर उडा रहे हैं।इस सम्बंध में खण्ड शिक्षा अधिकारी पंकज मिश्र से बात की गई तो उन्होंने बताया आप सबसे ही जानकारी हुई है जल्द ही जाॅच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।वहीं उपजिलाधिकारी स्वपनिल यादव ने बताया की मामला संज्ञान मे आया है जल्द ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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