साइबर विधि पुस्तक का हिमाचल के राज्यपाल ने किया विमोचन
लखनऊ। समाज में कानून की पढ़ाई करने वाले विघार्थियों व अधिवक्ताओं के लिए सरल शब्दों में (साइबर विधि व साइबर अपराध) पुस्तक उपलब्ध हो गई है। जो ना सिर्फ कानून की पढ़ाई करने वाले व्यक्ति के लिए सफलता की एक और सीढ़ी का काम करनेवाली है अपितु कानून की जानकारी रखने या पढ़ने वालों के लिए अति महत्वपूर्ण होंगी। दरअसल साइबर विधि पुस्तक डॉ० पीयूष कुमार त्रिवेदी एवं एम०एच० जैदी (साइबर क्राइम लीगल एक्सपर्ट) द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला,पूर्व मन्त्री कुंवर रेवती रमण सिंह,डॉ० ओम प्रकाश अग्रवाल सदस्य (मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी प्रशासन परिषद),डॉ० अशोक बाजपेयी पूर्व मंत्री व राज्यसभा एवं अध्यक्ष भारत सेवा संस्थान व अन्य सैकड़ों गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में हुआ। वहीं अगर डॉक्टर पीयूष कुमार त्रिवेदी की बात की जाए तो आपने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गोरखपुर और फर्रुखाबाद से ग्रहण की। इसके पश्चात परस्नातक डिग्री लखनऊ विश्वविद्यालय से तथा पीएचडी कुमाऊ विश्वविद्यालय नैनीताल से अर्जित की है। विगत 16 वर्षों से आपके द्वारा विधि के क्षेत्र में अध्यापन कर रहे हैं। आपके द्वारा क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए तथा विघार्थियों को अध्यन करने में सुगमता और सरलता हो तथा विधि का शुद्ध व सरल ज्ञान हो इस उद्देश्य से आपके व आपके सहयोगियो द्वारा अथिक परिश्रम से साइबर विधि व साइबर अपराध नामक पुस्तक की संरचना की गई है। दरअसल डॉक्टर पीयूष कुमार त्रिवेदी की माने तो हिंदी माध्यम में प्रस्तुत पुस्तक विधि की मानक पुस्तकों के अभाव को दूर करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। इस पुस्तक में मुख्य रूप से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 पर आधारित साइबर विधि व साइबर अपराध, सोशल मीडिया व महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध, साइबर आतंकवाद, साइबर मानहानि, ई-कॉमर्स, ई-गवर्नेस, ई-कॉन्ट्रैक्ट, डिजिटल व इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मेटा वर्स, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, साइबर फ्रॉड इत्यादि विषयों पर काफी विस्तार से वर्णन किया गया है। पुस्तक की भाषा सरल सुबोध व रुचि पूर्ण रखने का भरपूर प्रयास किया गया है। इसके साथ-साथ प्रस्तुत पुस्तक में भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधायक विभाग और राजभाषा खंड द्वारा प्रकाशित नवीनतम विधिक शब्दावली का प्रयोग किया गया है। वहीं डॉक्टर पीयूष कुमार त्रिवेदी जी ने जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में भी समाज में शिक्षा को और सरल बनाने के लिए विधि को इतना सुगम बनाने में प्रयासरत रहेंगे। जिससे समाज के प्रत्येक व्यक्ति को विधि का के माध्यम से सही और गलत का ज्ञान हो सके इससे समाज भ्रष्टाचार से मुक्त हो सके और वह तभी संभव हो पाएगा जब प्रत्येक व्यक्ति नियमों व कानून से भली भांति परिचित हो सकेंगा।
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