इस सीट पर कौन निर्णायक भूमिका निभाएगा?
वाजिदपुर(अयोध्या)रुदौली विधानसभा में लगभग पौने चार लाख मतदाता हैं।जातीय आधार पर बात करे तो इस विधानसभा क्षेत्र में एक नंबर पर अन्य पिछड़ी जाति,दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता और उसके बाद अनुसूचित जाति है।इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या इतनी है कि जिस प्रत्याशी को एकतरफा वोट कर दें तो वही प्रत्याशी जीत जाए।भाजपा तगड़ी प्लानिंग के तहत पिछले दो चुनाव से रामचन्द्र यादव को खड़ा कर रही है जिसका सीधा फायदा BJP को मिल रहा है।उसी प्लानिंग् के तहत इस बार BJP ने फिर रामचंद्र यादव को टिकत दिया है।
इस सीट पर मुस्लिम वोटों में बिखराव होता रहा है जिससे मुस्लिम बाहुल्य होने बावजूद कई मुस्लिम चेहरे मैदान में आ जाते है।जिसकी वजह से भाजपा प्रत्याशी जीत जाता है।रामचन्द्र यादव की बात की जाए तो वो पहले समाजवादी पार्टी से मिल्कीपुर से विधायक चुने गए थे बाद वो बसपा फिर BJP में चले गए।इस सीट की सियासी तारीख की बात करे तो इस सीट पर 1952 में कांग्रेस से महंत जगन्नाथ दास बख्श जीतें।1957 और 1962 में जन संघ से मुकुट बिहारी अग्रवाल विधायक बने।1967 में चन्द्र कुमार त्रिवेदी निर्दलीय जीते।1969 में कांग्रेस से कृष्ण मगन सिंह जीते।1974 में सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट रामसेवक यादव विजय हुई।1980 में जनता पार्टी से प्रदीप कुमार यादव जीते।1984 में कांग्रेस से मरगूब अहमद खान विधायक हुए।1989 में जनता दल से प्रदीप कुमार यादव और 1991 में भाजपा से पहली बार रामदेव आचार्य विधायक बने।1993 में सपा से इश्तियाक अहमद जीते।1995 में दूसरी बार बार रामदेव आचार्य विधायक बने।2002 और 2007 में अब्बास अली जैदी जीते और 2012 और 2017 में रामचन्द्र यादव विजय हुए।2012 के चुनाव रिजल्ट को देखे तो 187287 वोट पड़े थे जिनमें भाजपा से रामचन्द्र यादव को 61173 वोट और रुश्दी मियाँ 60232 वोट पाए थे बसपा से शमशाद खान ने 34354 वोट पाए थे और कांग्रेस से मुनीर अहमद को 13574 वोट मिले थे बाकी अलग अलग दलो से लड़े प्रत्याशी वोट पाए। इस चुनाव में रुश्दी मियाँ 941 वोट से हार गए थे।2017 के हुए विधानसभा चुनाव में 210129 वोट पड़े जिनमे BJP से रामचंद्र यादव को 90311 वोट मिले सपा से रुश्दी मियाँ को 59052 वोट मिले बसपा से फिरोज़ खान गब्बर को 47257 वोट मिले बाकी अन्य दल,निर्दलीय और नोटा पर वोट पड़े।रुश्दी मियाँ 31259 से BJP के रामचन्द्र यादव से हार गए। पिछले दो चुनावों का ही रिजल्ट देखें तो यह पता चलता है इस सीट पर मुस्लिम वोट बिखर जाता है जिसका फायदा BJP को मिलता है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार BJP की पुरानी प्लानिंग् वाली चाल कामयाब होगी?या रुदौली का मुसलमान वोटो के बिखराव को रोकेगा।वैसे सपा प्रत्याशी आनंदसेन यादव अपने यादव,मुस्लिम व अन्य वोटों की बदौलत जीत का दावा कर रहे हैं।वहीं बसपा प्रत्याशी अब्बास अली ज़ैदी रुश्दी मियां मुस्लिम,दलित व क्षत्रिय,ब्राम्हण व अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटों को अपने पक्ष में होने का दावा कर रहे हैं।वहीं भाजपा अपने 2017 में मिले मतों पर भरोसा कर अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है।अब देखना होगा कि कौन से मतदाता इस बार चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे?और किसके सर पर जीत का ताज होगा
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