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Writer's pictureKumar Nandan Pathak

रिवाइव हॉस्पिटल ने अग्निशमन प्रणाली सहित मानकों की उड़ाई धज्जियां

चंद सिक्कों की चकाचौंध में एलडीए व स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से संचालित हो रहे अवैध हास्पिटल

केपीपीएन कार्यालय,

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अगर बात की जाए तो आए दिन प्रदेश के किसी न किसी कोने से मानकों के विपरीत कुछ स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों को चदं सिक्कों की चकाचौंध में फंसाकर संचालित अवैध हास्पिटलो की लापरवाही का खामियाजा मासूमों को अपनी जान गंवाकर चुकाने की खबरें मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है।

फिर ऐसी घटनाओं में जिम्मेदार द्वारा कार्यवाही के नाम पर जांच का ठीकरा फोड़ मामले को कुछ दिन ठंडे बस्ते में डाल कर इन समाज के लिए अभिशाप बने संचालकों द्वारा मामले को मैनेज कर पुनः अवैध हास्पिटलो का संचालन प्रारंभ कर मासूम जनता की जान से खिलवाड़ करने का कार्यक्रम प्रारंभ होता नजर आता है। जिसका जीता जागता उदाहरण आपको लखनऊ के उच्च न्यायालय गेट नम्बर 6 के सामने देखने को मिल सकता है। हालांकि अगर प्रदेश के स्थान पर प्रदेश की राजधानी की ही बात करें तो सूत्रों की माने लखनऊ शहर में संचालित हो रहे अवैध हास्पिटलो का आंकड़ा प्रदेशभर के 10 जिलों में संचालित वैध हास्पिटलो से अधिक बताये जा रहें हैं। हालांकि इसका जीता जागता उदाहरण लखनऊ के अयोध्या मार्ग, कुर्सी हाइवे, सीतापुर हाइवे के साथ डालीगंज व मड़ियांव बंधा पर कुकुरमुत्ते की तरह फैले अवैध प्रकार से संचालित अवैध हास्पिटलो के मकड़जाल देखने को मिलता है। जिसमें सूत्रों की माने तो आए दिन गलत इलाज व लापरवाही के चलते मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ती है। सूत्र यह भी बताते हैं कि लखनऊ प्रदेश की राजधानी होने के कारण बाहर के तीमारदार सही इलाज की उम्मीद में लखनऊ आते हैं और उन्हें वहां पर इन अवैध हास्पिटलो के पहले से तैनात दलालों द्वारा सरकारी अस्पताल में अच्छी सुविधा की बात ना कहकर कुकुरमुत्ते की तरह पनपने अस्पताल के नाम पर अभिशाप बने इन अवैध हास्पिटलो की भेंट चढ़ना पड़ता है। जिसमें इलाज के नाम पर इनसे मोटी रकम ऐंठी जाती है।

वहीं यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि इन अवैध हास्पिटलो पर स्वास्थ्य विभाग के कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों के साथ ही साथ लखनऊ विकास प्राधिकरण का पूर्णतः आशिर्वाद प्राप्त होता है। इसी कारण वंश जिन भव्य ईमारतों में ना ही पार्किंग होती है और ना ही ईमारत का नक्शा पास होता है साथ ही अतिप्रमुख अग्निशमन प्रणाली सहित मानकों को भी दरकिनार कर दिया जाता है उसके बावजूद यह बिना किसी भयवश मानकों को दरकिनार कर धड़ल्ले से संचालित होते नजर आते हैं।

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