यूनिसेफ मंडलीय समन्वयक ने किया एनआरसी का निरीक्षण
महोबा, 11 दिसंबर 2020।
बच्चों की सेहत को लेकर प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग संजीदा है। इनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रहा है। जिला अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में कोरोना संक्रमण के चलते कुपोषित बच्चों की संख्या कम है। इसी को लेकर यूनिसेफ मंडलीय समन्वयक संजय कुमार (झांसी) ने एनआरसी का निरीक्षण किया। बच्चों के साथ यहां रह रहीं माताओं से बात की।
शुक्रवार को मंडलीय समन्वयक ने एनआरसी में भोजन बनाने की विधि, बच्चों की चिकित्सकीय जांच, वजन का मापन, फार्मूला फीडिंग, माता का बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु इन्वॉल्वमेंट, एनआरसी टीम का कार्य के प्रति लगन, दायित्व आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि एनआरसी में कुपोषित बच्चों को पोषण के साथ उपचार दिया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते ऐसे बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को यहां लाने से डर रहे हैं। कहा कि संक्रमण से डरने की नहीं बल्कि डटकर सामने करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनकी माता-पिता की सहमति के बाद यहां भर्ती कराना आरबीएसके टीम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, आशा, सीएचओ की जिम्मेदारी है।
मंडलीय समन्वयक ने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों के साथ ठहरने वाली माताओं को भी पौष्टिक भोजन मिलता है। सर्दी के मौसम के मद्देनजर रूम हीटर व कंबल इत्यादि की व्यवस्था। माता को 50 रुपए रोजाना प्रोत्सहन राशि भी दी जाती है। उन्होंने कहा कि एनआरसी में पदस्थ स्टाफ द्वारा कुपोषण को कम करने का काम बहुत अच्छा है। सीमित संसाधनों में अच्छा कार्य हो रहा है। पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चों की माताओं से भी फीडबैक लिया। निरीक्षण में न्यूट्रीशियन सपना मिश्रा उपस्थित रहीं।
एनीमिया से बच्चों को मिलेगी निजात
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डीईआईसी मैनेजर डा. अंबुज गुप्ता ने कहा कि जनपद के चारों ब्लाक में आरबीएसके की दो-दो टीमें काम कर रही हैं। यह टीमें रोजाना गांवों में जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग करती हैं। सैम बच्चा मिलने पर उसे एनआरसी में भर्ती कराया जाता है। कोरोना के चलते इस काम में थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने टीमों केा निर्देश दिए हैं कि ज्यादा से ज्यादा कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराएं। जिससे उन्हें कुपोषण व एनीमिया से मिजात मिल सके।
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