फाजिलनगर मे कांटे की टक्कर मे फस गए स्वामी प्रसाद मौर्य
- Kumar Nandan Pathak
- 9 मार्च 2022
- 2 मिनट पठन

केपीपीएन संवाददाता उमर फारूक कुशीनगर
कुशीनगर जनपद की 332 फाजिलनगर विधानसभा वह क्षेत्र है जहां मुकाबला हमेशा कांटे का ही रहा है। विजेता कोई भी रहा हो लेकिन उसकी राह आसान कभी नहीं रही । इस बार यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले जारी हुए एग्जिट पोल ने कई दिग्गजों की नींद उड़ा दी है। इन्हीं दिग्गजों में समाजवादी पार्टी के फाजिलनगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल है। भाजपा का दामन छोड़ने के बाद, स्वामी प्रसाद मौर्य ने पडरौना विधानसभा सीट छोड़ फाजिलनगर से चुनाव लड़ने का फैसला किया था। उनका यह फैसला गलत साबित होता दिख रहा है।जबकि उनके प्रचार के लिए खुद अखिलेश यादव आ चुके है।चुनाव प्रचार के दौरान जहा उन पर हमला भी हुआ खुद आचार संहिता उल्लंघन के केस मे फसे तो वही उनके बेटे वोटरो को खरीदते नजर आए। इस सीट से जहां भाजपा ने निवर्तमान विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के पुत्र सुरेंद्र सिंह कुशवाहा पर दांव लगाया है तो वही बसपा ने इलियास अंसारी को चुनावी मैदान में उतारा है और कांग्रेस ने मनोज सिंह के ऊपर अपना भरोसा जताया है। इस सीट पर चनउ और कुशवाहा बिरादरी के मतदाताओं की निर्णायक भूमिका रहती है, और कहा जाता है कि जिसको इनका आशीर्वाद मिलता है वहीं क्षेत्र के लोगों का विधानसभा में आवाज को बुलंद करता है। अगर एग्जिट पोल की माने तो स्वामी प्रसाद मौर्य को 31 से 35 फ़ीसदी वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं, तो वही उनके प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह कुशवाहा को 38 से 41 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं। अगर एग्जिट पोल का अनुमान सटीक बैठता है तो स्वामी प्रसाद मौर्य की हार सपा के लिए खास कर अखिलेश यादव के लिए भी बड़ा झटका हो सकती है। स्वामी प्रसाद मौर्य का सियासी रसूख भी इस बार दाव पर है, क्योंकि भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने मंच पर ऐलान किया था कि वह समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को यूपी की सत्ता तक पहुंचाएगे, इस दावे के पीछे उनका तर्क है की वह जिस पार्टी में जाते हैं सरकार उसी की बनती है।
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