अवैध धन उगाही की नियत या मौजूदा सरकार पर बट्टा लगाने का प्रयास
केपीपीएन कार्यालय।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जहां बीते कई वर्षों से मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने के प्रयास में अथिक परिश्रम करती नजर आ रही है। और मौजूदा सरकार के पदाधिकारी तथा महकमे के जिम्मेदार लगातार दिन रात कार्य करते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जनता को झाम से निजात दिलाने व यातायात व्यवस्था चुस्त व दुरुस्त करने हेतु निर्मित हुई यातायात पुलिस चौकियां जनता के लिए दिन ब दिन जान का जंजाल बनती नजर आ रही है। एक व्यक्ति ने अपने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि शासन के द्वारा लगातार आदेश पारित किए जाने व सख्त आदेश के बावजूद कुछ यातायात कर्मी चंद सिक्कों की चकाचौंध में जनता की जान से खिलवाड़ करते हुए अवैध धन उगाही में व्यस्त नजर आ रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण चौकियों के अंदर ले जाकर चालान या सम्बंधित दस्तावेज की जांच ना करने के आदेश के बावजूद भी आए दिन चौकियों के अंदर नियमों को उल्लंघन होता नजर आ रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप जनता को अपनी जान के खतरे व टैक्स के साथ अवैध धनउगाही करने वाले कुछ यातायात कर्मियों को अपनी महीने की मेहनत की कमाई की एक अहम हिस्सा चढ़ावे के रूप में चढ़ाना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर ऐसे मामले कई बार तूल पकड़ने पर व समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के उपरांत जिम्मेदार अपनी कुंभकर्णी नींद से जाग कर कार्यवाही कर मामले को शांत कर देते हैं। और पुनः यह सिलसिला दो चार दिनों में पुन प्रारंभ होता नजर आता है। और नतीजा ढांक के तीन पात समान बना रहता है। आदेशों पर कागजी कार्य तो होते हैं परंतु उनका जमीनी स्तर पर दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं होता है।
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