गौशाला जांच में मिली की कई खामियां, दोषियों पर कार्यवाही आखिर कब ..?
गौशाला के नाम पर सरकारी पैसों का हो रहा दुरुप्रयोग भूख प्यास से तड़प तड़प के मर रहे गौवंश
अपनी बदहाली पर आशू बहाते नजर आ रही पिपरीस गौशाला
अनेकों शिकायतों व निरीक्षण के बावजूद नतीजा ढाक के तीन पात
भूख व प्यास से तड़प तड़प के गौवंशो के मरने की सिलसिला जारी
केपीपीएन संवाददाता।
भदोही। उत्तर प्रदेश में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां अपराध को नष्ट कर समाज को अपराध मुक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर बेसहारा जीव जंतु के जीवन को बचाने व सुगम जीवन देने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्येक शहर में अनेकों गौशालाओं का निर्माण करवा उन्हें गौ सेवा के उद्देश्य से भारी भरकम सहयोग राशि प्रदान कर रहे है। परंतु सरकार के इस उद्देश्य को भदोही जिले के पिपरीस गौशाला में पलीता लगाने का कार्य होता नजर आ रहा है। जहां भूख और प्यास से तमाम गौवंश तड़प तड़प कर मर रही है। तो वही गौशाला का नेतृत्व व रख रखाव कर रहे व्यक्ति द्वारा मृतक गौवंशों को गड्ढा खोदकर उन्हें वही दफन कर दिया जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत पर जांच करने पहुंची पशुपालन विभाग टीम के साथ अभद्रता कर नोंक-झोंक की गई। स्थानीय लोगों की माने तो शिकायत के बाद प्रभारी अपर निदेशक मंडल मिर्जापुर के निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली जिस पर गौशाला के रखरखाव की जिम्मेदारी मिली प्रधान हृदय नारायण सरोज व जांच टीम के बीच काफी नोक झोंक भी हुई। जांच टीम में उपस्थित पशु चिकित्सा अधिकारी डीपी सिंह ने बताया कि सरकार के पैसे का दुरुपयोग करने वाले तथा गौ सेवा के नाम पर गौवंशों के तड़प तड़प कर मरने के जिम्मेदार ग्राम प्रधान हृदय नारायण सरोज के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। हालांकि जांच टीम द्वारा बताई गई कार्रवाई की यह बात ढोल के अंदर पोल साबित हो रही है और ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सुबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मामले को संज्ञान नहीं लेते तब तक इसी प्रकार बेसहारा बेजुबान गौवंश तड़प तड़प कर मरते रहेंगे और ऐसे प्रधान व जिम्मेदार अधिकारी जो न जाने किन निजी कारणों के कारण कार्यवाही करने का आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दे रहे हैं। और अपनी जिम्मेदारियां से पल्ला झाड़ बेसहारा बेजुबान गौवंशों को इसी प्रकार तड़प तड़प के मरने के लिए छोड़ रहे हैं। ऐसे में न जाने कब जिम्मेदार अधिकारी अपनी कुंभकर्णी नींद से जाग कर कार्यवाही करेंगे। और बेसहारा बेजुबान गौवंशों के अकाल मौत का सिलसिला रूकेगा। गौशाला की स्थिति देख एक ग्रामीण ने मौजूदा प्रशासन की कार्यशैली को बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा। जैसी बात कही है।
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