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Writer's pictureKumar Nandan Pathak

पुलिस अधिकारी बिना सुरक्षा किट मात्र मास्क के सहारे पुलिस कर्मियों को मौत के मुंह मे झोंक रहे


केपीपीएन मोहम्मद ताहिर अहमद वारसी

कोरोना योद्धा इम्तियाज़ अहमद चढ़े महामारी सुरक्षा सामग्री के अभाव मे भेंट


लखनऊ:-कोरोना महामारी मे स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस कर्मी पूर्ण रूप से कोरोना योद्धा साबित हुए।धीरे धीरे भारत मे कोरोना महामारी को पैर पसारे लगभग डेढ़ साल का समय हो चुका है ।इस डेढ़ साल मे लगभग आधा समय लाकडाउन मे गुजरा जिस के बाद भी आज तक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे पुलिस कर्मी बिना महामारी सुरक्षा किट के मात्र मास्क के सहारे गलियों, सड़कों, चौराहों पर जनता को लाकडाउन का पालन व सहयोग के लिए रात दिन अपना कार्य कर रहे हैं ।ऐसे मे सरकार के प्रति सवाल खड़े होते हैं । प्रदेश मुखिया के कथन अनुसार हम कोरोना महामारी से जंग के लिए तैयार है हमारे पास किसी भी सामग्री की कोई कमी नही है तो फिर लाकडाउन का पालन कराने वाली पुलिस बिना सुरक्षा किट के कैसे सड़कों पर जनता का की सुरक्षा मे तैनात किया गया जब कि लखनऊ में कोरोना की सबसे भयावह स्थिति है।क्या इस लापरवाही पर पुलिस व शासन के जिम्मेदारों पर कोरोना से मरने वाले पुलिस कर्मियों की हत्या का मुकदमा चले गा ।अगर ऐसा नही तो कानून का पालन कराने वाली पुलिस कर्मियों को ही न्याय नही मिल सकता । कुछ माह पूर्व लखनऊ के मडियाव थाना क्षेत्र ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती यूनिवर्सिटी चौकी पर तैनात उप निरिक्षक काजी कमरुद्दीन का कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद अस्पताल में निधन हो गया ।पूरी तरह से सुविधाओं से लैस राजधानी के अस्पताल भी उन की जान नही बचा पाए ।दूसरी मौत हसनगंज थाना अन्तर्गत तैनात उप निरिक्षक मारूती नन्दन उपाध्याय की मौत कोरोना महामारी की चपेट मे आने से मौत हो गई ।और प्रदेश मुखिया अपनी चुस्त दुरुस्त व्यवस्था की ढोल पीटते रहे ।तीसरी मौत जानकीपुरम थाना अन्तर्गत भिठौली क्रासिग चौकी पर तैनात उप निरिक्षक इम्तियाज़ खां की कोरोना महामारी के कारण अस्पताल मे मौत हो गई ।उन का शरीर उनके ग्रह जनपद अलीगढ़ रवाना कर दिया गया ।ये मौतें कोरोना योद्धाओ की है जो बिना सुरक्षा व्यवस्था के जनता के बीच जमे थे और जनमानस को कोरोना महामारी से बचाने के लिए लाकडाउन का पालन करा रहे थे ।जब इनके इलाज का राजधानी मे ये हाल है तो कहना गलत न होगा प्रदेश की जनता का इलाज राम भरोसे ही चल रहा है ।अब बात इन मौतों के दोषियों की भी करना अनिवार्य है आखिर इन मौतों के दोषी वह अधिकारी भी है जो शासन की ढोल पर अपने कर्मचारियों को बिना सुरक्षा किट के नचाने को तैयार हो गए।और कानून मंत्री भी है जो पर्याप्त सुरक्षा किट की व्यवस्था तक एक साल मे नही करा सकें । सूत्रों की मानें तो राजधानी मे ही कई थाना अध्यक्ष व पुलिस के कई अधिकारी भी कोरोना पाजिटिव हुए परंतु सही समय पर सही उपचार से उन की जान बच गई ।ऐसे मे जनता बीच रहकर कार्य करने वाले निचले स्तर के पुलिस कर्मियों को आला अधिकारी बिना सुरक्षा किट के मात्र मास्क के सहारे मौत के मुंह मे झोंक रहे हैं ।

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