नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने कहा है कि आंदोलन कर रहे किसान नए कृषि कानूनों को पूरी तरह या सही प्रकार से समझ नहीं पाए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन कानूनों में किसानों की आय को बढ़ाने की काफी क्षमता है। चंद ने कहा कि इन कानूनों का मकसद वह नहीं है, जो आंदोलन कर रहे किसानों को समझ आ रहा है। इन कानूनों का उद्देश्य इसके बिल्कुल उलट है। चंद ने कहा- जिस तरीके से मैं देख रहा हूं, मुझे लगता है कि आंदोलन कर रहे किसानों ने इन कानूनों को पूरी तरह या सही तरीके से समझा नहीं है।उन्होंने कहा कि यदि इन कानूनों का क्रियान्वयन होता है, तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। कुछ राज्यों में तो किसानों की आय दोगुनी तक हो जाएगी। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार को अब भी भरोसा है कि वह 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर पाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को 2 गुना करने का लक्ष्य रखा है।
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