खुले में मीट काटने वाले कारोबारी मस्त खाद्य विभाग एवं पुलिस प्रशासन एक दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त
लखनऊ खाद्य विभाग की अनदेखी के चलते हो रहा है खुले में मीट मछली और मुर्गा काटने का अवैध कारोबार नही हो रही कोई भी कार्यवाही
कोविड-19 को मद्देनजर रखते हुए सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइनो का राजधानी लखनऊ में नहीं होता दिख रहा पालन। योगी सरकार का फरमान हुआ लखनऊ प्रशासन के लिये बेअसर गुडंबा, विकास नगर,इन्द्रानगर सहित विभिन्न क्षेत्र की कई बाजारों में चल रहा है बगैर लाइसेंस के मुर्गा,बकरा और मछली काटने का गोरख धंदा।एक तरफ सरकार मीट मछली बेचने बालो को प्रतिबंधित कर रही है।और लाइसेंस प्रदत्य कर रही है।वहीँ टेढ़ी पुलिया चौराहा से पॉलिटेक्निक मार्ग पर खुले में आजादी के साथ निडर होकर मीट मछली कारोबारी अपना कारोबार तेजी से फैलाये हुये है।जहाँ पर मछली,बकरा,मुर्गा की गंदगी से राहगीरों और आसपास के रहने बालो का सड़़न की दुगंध से जीना दुश्वार हो रहा है।क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाते हुये बताया। कि मास मछली की गंदगी और मुर्गा कारोबारी बाजार में मीट बेचने के बाद अपशिष्ट चीजे खाल पंख इत्यादि बाजार में ही छोड़़ कर चले जाते है।जिससे वह सड़़न के साथ दुगंध फैलाकर घातक बीमारिया फैला रही है।बच्चे अनेक प्रकार की बीमारियो से ग्रस्त हो रहे है।कई बार इसका विरोध किया गया।लेकिन आज तक कोई भी कार्यवाही नही की गई है।आपको बता दे कि सरकार द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन ओं की धज्जियां उड़ाते हुए खुले में चल रहा मीट का यह गोरखधंधा, अवैध रूप से संचालित इस मीट के व्यापारियों को न ही इनको पुलिस का डर है और न ही खाद्य इन्स्पेटर का। सूत्रों की माने तो इनके पास काफी व्यापारियों के पास न तो कोई पक्की दूकान है और न ही कोई खाद्य अधिकारी द्वारा प्रदत्य मुर्गा मीट काटने का लाइसेंस। टेढ़ी पुलिया चौराहा से पॉलिटेक्निक जाने वाले नागरिकों को इस अवैध संचालन के चलते भारी गंदगी की दुगंध के साथ गुजरना पड़़ रहा है।जिससे शहरी एवं क्षेत्रीय जनता का हाल बेहाल है।
मीट दुकान के लिए नियम
सड़क से दुकान के अंदर की गतिविधि दिखाई नहीं देनी चाहिए और मांस भी खुले में नजर नहीं आना चाहिए।औजार अच्छे तरीके से साफ करने के बाद ही जानवरों काटा जाना चाहिए, ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न हो।
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