मथुरा (छाता):समूचे विश्व में भारत की बड़े और मजबूत लोकतांत्रिक देश के रूप में एक अहम पहचान है परंतु तब क्या हो, जब लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आए हुए प्रतिनिधि विकास कार्यों के प्रति भेदभाव रखते हुए उस विकास की गति को रोक दें तो आप क्या कहेंगे... ???
निश्चित तौर पर ही आप अपने आप को वोट दिए जाने के बाद ठगा सा महसूस करेंगे। ऐसा ही कुछ नजारा मथुरा जनपद के तहसील मुख्यालय छाता की नगर पंचायत में देखा जा सकता है जहां विकास कार्य ना होने से असंतुष्ट सभासद नगर पंचायत अध्यक्ष पर भेदभाव बरतने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। अगर आप इन आरोपों की सच्चाई को देखेंगे तो आपको उन आरोपों में स्पष्ट रूप से भेदभाव नजर आएगा क्योंकि आरोप लगाने वाले सभासदों का कहना है कि बार-बार विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए जाने के बावजूद पिछले 3 साल में उनके वार्डों में कोई भी विकास कार्य नहीं कराए गए हैं। इन आरोपों पर मोहर लगा रही है हमारी वह तस्वीरें, जो हमें पड़ताल के दौरान सामने देखने को मिली हैं। स्थानीय सभासदों के अलावा आम पब्लिक के लोगों का भी कहना है कि अगर कोई विकास कार्य जरुरी हो जाता है तो नगर पंचायत अध्यक्ष उन्हें ग्राम पंचायत के पाले में फेंक देते हैं। हाल ही में संपन्न हुई नगर पंचायत छाता की बोर्ड बैठक में भी इन्हीं आरोपों के चलते जमकर हंगामा हुआ और असंतुष्ट सभासद बोर्ड बैठक का बहिष्कार करते हुए लामबंद होकर मीटिंग हॉल से बाहर निकल आए और नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। वही नगर पंचायत अध्यक्ष के भेदभाव पूर्ण रवैया से असंतुष्ट सभासदों ने अब आगे की रणनीति तय करने की रूपरेखा बनाई है। वहीं इस में वार्ड नंबर 12 के सभासद प्रतिनिधि चौधरी ओमवीर सिंह ने नगर पंचायत अध्यक्ष पर वार्ड में विकास कार्य ना कराते हुए भेदभाव किए जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं!!
Comments