गंगा में समा गया रघुवीर पुरवा का आधा गांव,मौज में प्रशासन नही देखने पहुंचे अफसर गांव के, लोग नराज
बिलग्राम तहसील क्षेत्र का रघुवीर पुरवा का आधा गांव गंगा में समा गया है। बेघर हुए परिवार सर्दी में खुले आसमान के नीचे आ गए। लेकिन तहसील के अफसरों को इसकी जानकारी तक नही है।
बीते एक हफ्ते से गंगा नदी ने रुख बदलना शुरू कर दिया । कटान इतना हो गया कि एक दर्जन से ज्यादा घर गंगा में समा गए। बहाव इतना तेज हो गया कि सभी ख़ौफ़ में आ गए। धार का रुख देखते हुए बचा हुआ गांव भी बचने के आसार नही दिख रहे है। ऊपर से बढ़ा जल स्तर लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। 12 घर बाढ की वजह से पूरी तरीके से चपेट आ गये है उसको बाद लोग खतरे को देखते हुए
लोग अपने हाथों से भी मकान तोड़ना शुरू कर दिया है। गाँव वालों की माने तो हर साल इसी तरह परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन आज तक कोई अधिकारी मौके पर नही गए। कई दिन बाद लेखपाल पहुँचे। पर उंन्होने भी कोई मदद का भरोसा नही दिया। गंगा में बहे घरों के परेशान परिवार वाले इस सर्दी में कहां रात काटे ये उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनी हुई है। कुछ लोग तो पन्नी तान कर रह रहे है।पर बिलग्राम प्रशासन की तरफ पन्नी तक मदद नही मिली। मदद की आस लगाए गांव के पीड़ित ज्यादातर खेती बाड़ी कर अपना परिवार का पालन पोषण कर रहे है।
अफसर फोन तक नही उठाते प्रधान मनोरमा राजपूत और उनके पति राजेश राजपूत ने गांव के लिए कोई कदम नही उठाऐ जिससे जो लोग बेघर हुए हैं उन्हें आशियाना मिल सके। वहीं गांव के लोगों का कहना है तहसील में एसडीएम का फोन कभी उठता नहीं है और उनकी तरफ से कोई मदद का भरोसा भी नहीं दिया गया।
कटान मे जितेंद्र,देशराज , वासुदेव ,मूल चंद्र, जगदीश , सर्वेश , सीताराम , सोनेलाल ,जय जय राम , कमलेश , सरोज, मोहन लाल ,लाला राम, विपिन, पंचम लाल क्या कहना है की प्रशासन इतना बेखबर होगा उन्हें इस बात का अंदाजा अपने जीवन में पहली बार लगा है। मामले पर एसडीएम कपिल देव यादव का फोन नहीं उठता । हालांकि तहसीलदार मूसा राम थारू का कहना है के नुकसान का आकलन किया जा रहा है हर संभव मदद दी जाएगी।
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