लखीमपुर खीरी, लौखनिया प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी ग्रामीणों की शिक्षा व्यवस्था कुछ लापरवाह शिक्षकों के कारण अभी भी नहीं सुधर पाई जबकि शहरी सरकारी विद्यालयों में शिक्षा कुछ हद तक सुधरी है वो चाहे शिक्षकों के अंदर उच्चाधिकारियों का भय हो या जागरूकता का प्रभाव जबकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों के अध्यापक अभी भी सरकार को शिक्षा व्यवस्था को अनदेखी कर अपनी मनमानी करते हैं और अपना ही सिक्का जमाने की कोशिश करते हैं वो चाहे विद्यालय आने के समय को लेकर हो या शिक्षा जागरूकता को लेकर हो बताते चलें कि जनपद लखीमपुर खीरी के ब्लाक रमिया बेहड की ग्राम पंचायत जटपुरवा के लौखनिया में बने उच्च प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक के कुलदीप सिंह लगातार विद्यालय परिसर में समय से करीब एक से दो घण्टों की देरी के बाद पहुंचते हैं, जबकि विद्यालय परिसर में शिक्षार्थी पहुंच जाते हैं। शिक्षार्थियो के समय से पहुंचने के बाद शिक्षक के विद्यालय में पहुंचना बहुत ही बड़ी लापरवाही को दर्शाता ही है, साथ ही साथ शासन के शेड्यूल को न मानना शासन के द्वारा शिक्षा को लेकर किया जा रहे सुधार को मिट्टी में मिलाने का काम कर रहे हैं, लौखनिया में उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक कर रहे हैं। इस प्रकार के शिक्षकों के कारण ही सरकारी विद्यालयों की शिक्षा सुधार नहीं रही है, न ही जनता के अंदर सरकारी विद्यालयों को लेकर बनी भावनाये जिससे जागरूकता लोग आज भी सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चो को भेजने से कतराते हैं। शिक्षक महोदय लेट लतीफ करते ही हैं, जब तक कुलदीप सिंह जैसे लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई करने से कतरा रहे जिले के आला अधिकारी।
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