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Writer's pictureKumar Nandan Pathak

कन्नौज का रेलवे स्टेशन 14 मार्च दिन सोमवार वैसे तो आम दिन की तरह ही शांत


कन्नौज 14 मार्च आम दिन ना रहा:कन्नौज का रेलवे स्टेशन 14 मार्च दिन सोमवार वैसे तो आम दिन की तरह ही शांत था। बस शाम होते होते यह दिन आम ना रह कर बन गया काला दिन लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर पुलिस की क्रूरता की ऐसी कहानी लिखी गई जो इससे पहले कभी भी जिले के निवासियों ने नहीं देखी।पुलिस ने बिना कुछ सोचे समझे जमकर लाठियां चलाईं ना आगे देख ना पीछे, क्या आम क्या खास बस पत्रकारों का नाम सुनते ही नशे में धुत पुलिस कर्मी पत्रकारों पर जल्लादों की तरह टूट पड़े।


क्या था मामला? : दरअसल पूरा मामला कन्नौज जिले के कन्नौज रेलवे स्टेशन का है जहां पास में ही एक गरीब व्यक्ति चाय की दुकान लगाए है पीड़ित पत्रकारों का आरोप है कि रेलवे के कुछ पुलिस कर्मी नशे में धुत हो कर उस व्यक्ति से अवैध बसूली करने के साथ साथ अभद्रता भी कर रहे हैं जिसका वहां उपस्थित पत्रकारों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया परन्तु उन्होंने किसी की ना सुनी और अभद्रता करने लगे।वहीं जब इस प्रकरण की जानकारी पत्रकारों को लगी तो तुरंत ही वह सभी घटना की कवरेज करने के लिए स्थल पर पहुंचे परन्तु वहां पहले से ही अपनी धुन में बैठे बर्बरता के पुजारियों ने पत्रकारों पर जमकर लाठियां बरसाना आरम्भ कर दिया।पत्रकार चिल्लाते रहे उनसे कहते रहे कि वो सभी पत्रकार हैं परन्तु वर्दी के नशे में चूर बर्बरता की कहानी लिखने को आतुर पुलिस कर्मियों ने उनकी एक ना सुनी।


आला अधिकारियों ने लिया संज्ञान,सभी पत्रकार संगठनों में रोष व्याप्त: तो वहीं जब इस घटना की जानकारी आला अधिकारियों को लगी तो उन्होंने समझाने बुझाने के साथ मामले में मध्यस्थता का प्रयास किया।इस घटना की जानकारी होने पर जिले के सभी पत्रकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि साथी पत्रकारों पर पुलिसिया बर्बरता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जा सकता है।


कौन था?: जिले में इस बर्बरता और पुलिसिया जुल्म के शिकार हुए पत्रकारों में वरिष्ठ पत्रकार नित्य मिश्रा,कुलदीप दीक्षित सहित अन्य पत्रकार साथी हैं

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