सरकार के लाख प्रयास के बावजूद किसानों का धान क्रय केंद्रों पर नहीं तौला जा रहा
कछौना/हरदोई- किसानों की आय दोगुनी करने हेतु सरकार ने किसानों की उपज का समर्थन मूल्य निश्चित किया है। खरीफ की फसल धान किसानों के तैयार होकर खेतों से महीनों पहले घर पहुंच गयी हैं। परंतु क्रय केंद्र प्रभारी व राइस मिलर्स व बिचौलियों के काकस के आगे किसानों की उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते किसान अपने धान औने पौने दामों में बेचने को विवश है। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद किसानों का धान क्रय केंद्रों पर नहीं तौला जा रहा है। किसानों को नमी के नाम पर व बोरो की उपलब्धता की कमी के नाम पर व पूर्व में खरीदा गया धान के स्टाक का उठान न होने का बहाना बनाकर किसानों को टरका दिया जाता है। जबकि कागजों पर प्रतिदिन धान खरीद कर प्रशासन लक्ष्य पूरा दिखाकर अपनी पीठ शासन से थपथपवा रहा है। जो किसान क्रय केंद्र प्रभारियों की सेटिंग (सुविधा शुल्क) में फिट बैठता है, उसका ही धान खरीदा जाता है। कछौना क्षेत्र में अभी तक मात्र एक क्रय केंद्र गौसगंज में स्थित है। किसान यूनियन की पुरजोर मांग व विधायक के अथक प्रयास के बाद यू०पी०यस०यस० का क्रय केंद्र ग्राम छतनखेड़ा में दो दिन खुला, उसके बाद वह बंद हो गया। प्रशासन द्वारा धान खरीद के मुकम्मल इंतजाम नहीं किए गए हैं। योगी सरकार की उच्च प्राथमिकता के बावजूद जिलाधिकारी धान क्रय केंद्रों पर हो रहे बड़े भ्रष्टाचार पर आंख बंद करके मूकदर्शक हैं। किसानों की इस लाचारी का लाभ बिचौलिए जमकर उठा रहे हैं। किसानों का क्रय केंद्रों पर धान बिक्री न होने से उनके अंदर काफी आक्रोश है। वर्तमान समय में किसानों को क्रय केंद्रों पर टोकन भी नहीं दिया जा रहा है। किसानों की शिकायत पर कोई कार्यवाई न होने से बिचौलियों के हौसले बुलंद हैं।
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