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Writer's pictureKumar Nandan Pathak

कोविड-19 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों पर लाठीचार्ज, प्रदर्शन कर रहीं महिला कर्मियों को भी पीटा



शिवराज मामा ने भांजी और भांजा को दिखाई दया दृष्टि


मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज प्रदर्शन कर रहे कोविड-19 स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। पुलिस ने महिला स्वास्थ्य कर्मियों को भी नहीं बख्शा। ऐसे में लाठीचार्ज में महिला कर्मियों समेत कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इस बीच पुलिस ने 15 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर अस्पतालों में संविदा पर काम करने वाले ये स्वास्थ्य कर्मचारी भोपाल के नीलम पार्क में प्रदर्शन कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों को तीन महीने बाद निकाल दिया गया था। इन स्वास्थ्य कर्मियों की मांग थी कि सरकार संविदा पर काम करने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मियों की स्थायी नियुक्तियां करे।नीलम पार्क में प्रदर्शन कर रहे 500 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मियों में स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन शामिल थे। ये सभी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से मिलने के लिए अड़े थे। धरना प्रदर्शन से न उठने पर पुलिस को जबरन उठाने का प्रयास करना पड़ा।प्रदर्शन कर रहीं स्वास्थ्यकर्मी शिवांगी मित्तल 'गाँव कनेक्शन' से बताती हैं, "हमें सरकार ने तीन महीने के लिए संविदा पर नियुक्ति दी थी, जैसे-जैसे कोरोना के मरीज बढ़ते गए तो हम लोगों की सेवाएँ बढ़ाते गए, लेकिन अब सरकार हम लोगों को निकाल रही है। सरकार ने पहले ही 20 नवम्बर को 40 संविदा कर्मियों को निकाल दिया है। कोरोना संकट के समय में जब हमारी जरूरत थी तो हम लोगों ने पूरी मेहनत से काम किया है, और अब सरकार को चाहिए कि कम से कम हमें स्थायी नौकरी दे।" जानकारी के मुताबिक, अपनी मांगों को लेकर इन स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रशासन से नीलम पार्क में एक दिन प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी। आज जब पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से हटने के लिए जोर दिया तो मुख्यमंत्री से मिलने के लिए अड़े प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को लाठीचार्ज करने की नौबत आ गयी।दूसरी ओर इस लाठीचार्ज के बाद कोविड-19 स्वास्थ्य संगठन के जिला अध्यक्ष संदीप शर्मा 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "महिला स्वास्थ्य कर्मियों पर लाठीचार्ज निश्चित रूप से निंदनीय है। हमारे 15 साथियों को गिरफ्तार किया गया है। कोरोना काल में इन सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रदेश में ऐसे 6,213 स्वास्थ्य कर्मी सरकार से स्थायी नियमतिकरण की मांग कर रहे हैं। अगर सरकार ने हमारी मांगों पर गौर नहीं किया तो हम अपनी आवाज और बुलंद करेंगे।

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