कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देख स्वास्थ्य विभाग फिर अलर्ट
संवाददाता जतन सिंह
जनपद में दाखिल होने वाले रास्तों पर टीमें तैनात
दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। दिल्ली एनसीआर सहित महानगरों से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू करा दी गयी है। इसके लिए विभाग ने शहर के अंदर दाखिल होने वाले रास्तों व रोडवेज बस स्टैंड परिसर में चालक, परिचालक व यात्रियों की स्क्रीनिंग व सैंपलिंग ले रहे हैं। रोजाना 200 से 300 यात्रियों की जांच हो रही है।
सर्दी और प्रदूषण के चलते कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। दिल्ली में इसका असर देखने को भी मिल रहा है। दिल्ली में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगा है। अचानक से पाजिटिव केस की संख्या बढ़ गई है। इसी को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने रैंडम जांच शुरु कर दी है। इसके लिए रोडवेज बस स्टेशनों पर यात्रियों की कोरोना जांच की जा रही है। इसके साथ ही जिले की सीमाओं पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात हो गई हैं। यह टीमें जनपद की सीमा में बस या निजी वाहन से प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की एंटीजन किट से कोरोना जांच कर रही हैं। साथ ही जांच करने वाले सभी लोगों का नाम-पता रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। जांच में पाजिटिव मिलने पर उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमके सिन्हा ने कहा कि जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर दिल्ली व महानगरों से आने वाले यात्रियों सहित जनपद की सीमाओं पर कोरोना जांच व स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जनपद में संक्रमण की शुरूआत महानगरों से लौटे लोगों से हुई थी। जिला में मिले मामलों में महानगरों से लौटे प्रवासी मजदूर थे। स्वास्थ्य विभाग ने इन संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली एवं प्रदेश के बाहर से अन्य स्थानों से आने वाले यात्रियों पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया है।
वैक्सीन आने तक सावधान रहने की जरूरत
सीएमओ डा. एमके सिन्हा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का सभी को पालन करना बेहद जरूरी है। मास्क, दो गज दूरी व हाथों को बार-बार अच्छी तरह धोएं, इन बातों को अपने दैनिक कार्यों में उतार लें। उन्होंने कहा कि जनपद की सीमाओं पर जांच करते समय यदि कोई पाजिटिव मिलता है तो उसे एल-1 या एल-2 श्रेणी के अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। यदि बिना लक्षण के कोई पाजिटिव मिलता है तो उसे नियमानुसार होम आइसोलेशन भी किया जाएगा।
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