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अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में भारत को प्रतिनिधितव किया- डॉ. पल्लवी मिश्रा


संवाददाता शनि कुमार केशरवानी


अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में भारत का वर्चस्व



इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान पर केन्द्रित बहु-विषयक अनुसंधान संसथान ने इंस्टीट्यूट फॉर इंजीनियरिंग रिसर्च एंड पब्लिकेशन, ए.पी. सी महालक्ष्मी कॉलेज फॉर विमेन एमआई कॉलेज, मालदीव एवीडी कॉलेज और साइरिक्स कॉलेज, मालदीव के सह-सहियोजन से तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले सभी नवीनतम अवसरों, कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों, शैक्षिक क्षेत्र में आये बदलाव, विज्ञान के विकास तथा विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तन पर चर्चा हुई. डॉ. इब्राहिम ओ. हमद, गणितीय विश्लेषण में सहायक एसोसिएट प्रोफेसर, गणित विभाग, कॉलेज ऑफ साइंस, सलाहदीन विश्वविद्यालय एरबिल (हवलदार) - कुर्दिस्तान क्षेत्र, इराक ने सम्मलेन में कहा गणित के महत्व को कभी कम नहीं किया जा सकता है. मेरा मानना है कि गणित पूरे ब्रह्मांड की भाषा है. दरअसल, यह अपनी खुद की एक भाषा है. सम्मलेन को संबोधित करते हुए डॉ. एन्ड्रेस पगतपतन, कैंपस एडमिनिस्ट्रेटर, पूर्वी समर राज्य विश्वविद्यालय, (गुईआन कैम्पस) ने कहा कि विचारों के आदान-प्रदान और नवाचारों के प्रसार के लिए ध्वनि प्लेटफार्मों की स्थापना के लिए शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, के बीच सहयोग की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह लिंचपिन है जो विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मोर्चे और हमारी दुनिया को सामान्य रूप से आगे बढ़ाएगा. इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में सिंगापुर, अमेरिका, कनाडा, भारत, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, फिलीपींस, यूएई, कतर, सऊदी अरब, ईरान, इराक, रूस के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और शोधकर्ताओं भाग लिया. सम्मलेन में विभिन्न देश के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और शोधकर्ताओं ने अपने रिसर्च पेपर को प्रस्तुत किया. डॉ. पल्लवी मिश्रा, एमिटी स्कूल ऑफ़ कम्युनिकेशन, जयपुर, राजस्थान ने इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में भारत को प्रतिनिधितव किया. डॉ. पल्लवी मिश्रा को उनके "नेटनोग्राफ़िक विश्लेषण: सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से किशोरावस्था में साइबर-मनोविज्ञान को समझना" शीर्षक रिसर्च पेपर के लिए "बेस्ट रिसर्च पेपर" से सम्मानित किया गया. सम्मलेन में उनके शोध प्रयासों की सराहना की गयी. पैनल ने कहा आज साइबर-साइकोलॉजी को समझना अत्यंत आवश्यक है क्यूंकि हम सब अब डिजिटल दुनिया अब हमारी ज़िन्दगी का अहम् हिस्सा बन गयी है.

इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में वर्त्तमान परिवेश की भी चर्चा की भी गयी, कोरोना से उत्पन्न हुई चुनौतियों को अवसर में बदलने की भी बात की गयी.

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