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Writer's pictureKumar Nandan Pathak

PM मोदी ने किसानों को दिलाई गुरु नानक की याद, बोले- जाने अनजाने में उठते हैं विरोध के सुर, कानून करे



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देव दीपावली के मौके पर वाराणसी में दीप प्रज्वलित कर दीप महोत्सव की शुरुआत की

प्रधानमंत्री ने वाराणसी के राजघाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने के बाद काशीवासियों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने देव दीपावली महोत्सव में कहा कि कोरोना काल ने सब कुछ बदल दिया लेकिन काशी की भक्ति शक्ति को कोई नहीं बदल सकता है. सुबह से ही काशी वासी स्नान दान में लगे हुए हैं, काशी की गलियों में जगमगाहट है। पीएम मोदी ने कहा कि 100 साल पहले काशी से माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति गायब हो गई थी वह फिर से वापस आ रही है, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है. प्रधानमंत्री मोदी ने देव दीपावली महोत्सव में कहा कि ऐसा प्रयास अगर पहले किया गया होता तो ऐसी न जाने कितनी मूर्तियां देश को वापस मिल गई होतीं. कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब अपना परिवार होता है हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, विरासत और मूल्य।


पीएम मोदी ने कहा कि देशहित में सुधार होते हैं तो फिर विरोध के स्वर भी उठते हैं। उन्होंने कहा कि नेक नियत से जब अच्छे कर्म किए जाते हैं तो विरोध के बावजूद उनकी सिद्धि होती ही है. अयोध्या में श्रीराम मंदिर के अलावा इसका दूसरा उदाहरण क्या ही होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम रिफॉर्म्स की बात करते हैं, लेकिन समाज और व्यवस्था में रिफॉर्म्स के बहुत बड़े प्रतीक तो स्वयं गुरु नानक देव जी ही थे। हमने ये भी देखा है कि जब समाज, राष्ट्रहित में बदलाव होते हैं, तो जाने-अनजाने विरोध के स्वर ज़रूर उठते हैं. लेकिन जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सबकुछ ठीक हो जाता है. यही सीख हमें गुरुनानक देवजी के जीवन से मिलती है।


मोदी ने पिछली सरकारों पर प्रहार करते हुए कहा- एमएसपी तो घोषित होता था लेकिन एमएसपी पर खरीद बहुत कम की जाती थी, घोषणाएं होती थी, खरीद नहीं होती थी. सालों तक एमएसपी को लेकर छल किया गया है. किसानों के नाम पर बड़े-बड़े कर्ज माफी के पैकेज घोषित किए जाते थे, लेकिन छोटे और सीमांत किसानों तक यह पहुंचते ही नहीं थे यानी कर्ज माफी को लेकर भी छल किया गया किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थी लेकिन वह खुद मानते थे कि 1 रुपये में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते हैं।

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